खाजूवाला नगरपालिका अध्यक्ष अशोक कुमार के निलम्बन पर रोक,सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब।
खाजूवाला नगरपालिका अध्यक्ष अशोक कुमार के निलम्बन पर रोक,सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब।
(दलीप नोखवाल) जोधपुर–राजस्थान हाईकोर्ट ने बीकानेर जिले की खाजूवाला नगरपालिका अध्यक्ष अशोक कुमार को निलम्बित करने के आदेश पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस डॉ पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की अदालत ने राज्य सरकार के स्वायत्त शासन विभाग के आदेश 10 मई 2023 जिसके द्वारा अशोक कुमार को निलम्बित किया था के प्रभाव व क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता हेमन्त दत्त ने पैरवी करते हुए बताया कि आवेदनकर्ता अक्टूबर 2020 में सरपंच के पद पर चुना गया तदोपरान्त ग्राम पंचायत खाजूवाला को नगरपालिका में क्रमोन्नत होने के पश्चात आवेदनकर्ता को नगरपालिका अध्यक्ष बनाया गया। आवेदनकर्ता के खिलाफ यह आरोप लगाया गया कि उसने सरपंच पद पर रहते हुए मृत व्यक्ति व न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्ध व्यक्ति के नाम से जॉब कार्ड एवं मस्टररोल जारी किए जाकर भुगतान किया। राज्य सरकार ने आदेश दिनांक 10 मई 2023 के द्वारा राजस्थान नगर पालिका अधिनियम, 2009 की धारा 39(1)(घ)(I)(II)(III)(IV)के तहत कृतव्यों के निर्वहन में अवचार एवं पद के अन्यथा दुरूपयोग मानते हुए आवेदनकर्ता के निलम्बन के आदेश जारी किये। आवेदनकर्ता के अधिवक्ता दत्त ने तर्क दिया कि आदेश दिनांक 10 मई 2023 पूर्णतः दोषपूर्ण आदेश है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39(1)(घ)(I)(II)(III)(IV) के तहत आवेदनकर्ता को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि आवेदनकर्ता के उपर सरपंच पद पर रहते हुए जॉब कार्ड एवं मस्टररोल जारी करने का आरोप है न कि नगर पालिका के सदस्य के रूप में किसी कृत्य को लेकर कोई आरोप है। अतः आदेश दिनांक 10 मई 2023 पूर्णतः दोषपूर्ण आदेश है। अधिवक्ता हेमन्त दत्त ने यह भी तर्क दिया कि आवेदनकर्ता के खिलाफ की गई कार्यवाही द्वेषतावश की गई है क्योंकि आवेदनकर्ता ने उसके प्रतिद्वन्दी पदमाराम को 500 से अधिक मतों से हराया। पदमाराम मंत्री गोविन्द राम मेघवाल का रिश्तेदार है एवं जिस कारण आवेदनकर्ता अशोक कुमार जो भारतीय जनता पार्टी का सदस्य है को द्वेषतापूर्ण तरीके से गलत आदेश पारित कर निलम्बित करवाया। हाईकोर्ट ने आवेदनकर्ता के अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए राज्य सरकार के आदेश दिनांक 10 मई 2023 के प्रभाव व क्रियान्वयन पर रोक लगा दी। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता सुनील बेनीवाल ने पैरवी की।