22 Aug 2025, Fri
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आठवें वेतन आयोग की प्रक्रिया में देरी से बढ़ी बेचैनी, अंडर सेक्रेटरी पदों की आवेदन तिथि फिर बढ़ी

Zeeupdate news

नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए “होली-दिवाली” जैसे उत्सव का प्रतीक माने जाने वाले आठवें वेतन आयोग का गठन लगातार टलता जा रहा है। जनवरी 2025 में आयोग के गठन की घोषणा के बावजूद अभी तक न तो आयोग का आधिकारिक गठन हुआ है और न ही प्रशासनिक सेटअप की नियुक्तियां पूरी हो पाई हैं।

सबसे बड़ी चिंता यह है कि वेतन आयोग के लिए प्रशासनिक ढांचे में अंडर सेक्रेटरी स्तर के चार पदों पर भी अब तक नियुक्ति नहीं हो सकी है। इन पदों के लिए आवेदन की अंतिम तिथि को तीसरी बार बढ़ाते हुए अब 31 जुलाई 2025 कर दिया गया है। इससे पहले यह तारीख 10 जून और 30 जून रखी गई थी, लेकिन समय पर प्रक्रिया पूरी न हो पाने के चलते समयसीमा को बार-बार बढ़ाया जा रहा है।

इन पदों को प्रतिनियुक्ति (डेप्यूटेशन) के आधार पर भरा जाना है, और इसमें विशेषज्ञता रखने वाले अफसरों की तलाश की जा रही है जो वेतन, भत्तों और स्टाफिंग से संबंधित मामलों में दक्ष हों। लगातार हो रही इस देरी से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि या तो आवेदन पर्याप्त नहीं मिल रहे या फिर अधिकारी वेतन आयोग में पोस्टिंग को लेकर उत्साहित नहीं हैं।

कर्मचारी संगठनों में बढ़ी बेचैनी
वेतन आयोग की प्रक्रिया में हो रही देरी से केंद्रीय कर्मचारी संगठनों में बेचैनी बढ़ गई है। कर्मचारी यूनियनें पहले ही कैबिनेट सचिव से मिलकर इस विषय में त्वरित कार्रवाई की मांग कर चुकी हैं। अब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जल्द से जल्द वेतन आयोग का गठन और नियुक्तियां पूरी करने की अपील कर रही हैं।

हालांकि कर्मचारियों को यह भरोसा है कि भले ही गठन में देरी हो रही हो, लेकिन जब भी वेतन आयोग की रिपोर्ट तैयार होगी, उसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से ही लागू मानी जाएंगी। इससे उन्हें एरियर के रूप में बढ़ा हुआ वेतन मिल सकेगा और आर्थिक नुकसान नहीं होगा।

फिटमेंट फैक्टर से बदलेगी किस्मत
इस बार वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक होने की संभावना है, जो कि सातवें वेतन आयोग के 2.57 फैक्टर से अधिक है। इसका सीधा असर कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ेगा और अनुमान है कि न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 50,000 रुपये प्रति माह तक जा सकता है। यह एक ऐतिहासिक बढ़ोतरी होगी, जिससे लाखों कर्मचारियों का जीवनस्तर सुधरेगा और उनका भविष्य सुरक्षित होगा।

निष्कर्ष
अब देखना यह होगा कि सरकार वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया में और कितनी देर करती है या फिर जल्द ही आवश्यक नियुक्तियों को पूरा कर एक ठोस दिशा में कदम बढ़ाती है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि अगली दस वर्षों की आर्थिक स्थिरता और उम्मीदें इसी आयोग से जुड़ी हुई हैं।

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