जयंती मनाई:भाजपा कार्यकर्ताओं ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को याद किया, जयंती मनाई
जयंती मनाई:भाजपा कार्यकर्ताओं ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को याद किया, जयंती मनाई
Zee update| Dalip nokhwal
खाजूवाला कस्बे सहित ग्रामीण क्षेत्र में जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। भाजपा मंडल ने भाजपा कार्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित किया गया। इस अवसर पर भाजपा भाजपा मंडल अध्यक्ष राधेश्याम बिश्नोई ने सभी भाजपा कार्यकर्ताओं से संगठित रहकर पार्टी व समाज हित में कार्य करने का आव्हान किया।पंडित दीनदयाल उपाध्याय विपरीत परिस्थितियों को भी अनुकूल बनाकर कर्मयोगी के रूप में पहचान बनाई तथा देश और समाज में अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति के उत्थान और कल्याण के प्रयास किए। सदस्यता अभियान के प्रभारी देवीसिंह शेखावत ने कहा
पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिन्तक और संगठनकर्ता थे। वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे। वे एक समावेशित विचारधारा के समर्थक थे जो एक मजबूत और सशक्त भारत चाहते थे। राजनीति के अतिरिक्त साहित्य में भी उनकी गहरी अभिरुचि थी।
पण्डित दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ के नेता और भारतीय राजनीतिक एवं आर्थिक चिंतन को वैचारिक दिशा देने वाले पुरोधा थे। यह अलग बात है कि उनके बताए सिद्धांतों और नीतियों की चर्चा साम्यवाद और समाजवाद की तुलना में बेहद कम हुई है। वे उस परंपरा के वाहक थे जो नेहरु के भारत नवनिर्माण की बजाय भारत के पुनर्निर्माण की बात करती है। भारत में ज्ञान के प्रसार-प्रचार एवं संचार की प्रणाली के रूप में कथा और उपदेश पद्धति को पुरातनकाल से स्वीकार्यता प्राप्त है।
वहीं एडवोकेट प्रहलाद तिवाड़ी ने प्रकाश डालते हुए कहा की पंडित दीनदयाल उपाध्याय बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। सादगी से जीवन जीने वाले इस महापुरुष में राजनीतिज्ञ, संगठन शिल्पी, कुशल वक्ता, समाज चिंतक, अर्थचिंतक, शिक्षाविद्, लेखक और पत्रकार सहित कई प्रतिभाएं समाहित थीं।राजनीति में शुचिता की नई लकीर खींची। हम उन्हें ‘एकात्म मानवदर्शन’ के प्रणेता रहे, ऐसी प्रतिभाएं कम ही होती हैं।
इस अवसर पर प्रहलाद तिवाड़ी,राजकुमार यादव,कालूराम कूंट,नरेंद्र राठौड़,मूलाराम बामणिया,सोहन मांधनिया,रामदेव सोनी,सुशील शर्मा,परमेश्वर मंडा,लिछुराम,महेंद्र मेघवाल,जगदीश,भंवराराम समेत अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।