मूर्ति प्रतिष्ठा कार्यक्रम का होगा आयोजन।
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खाजूवाला, स्थित श्री सत्यवादी वीर तेजाजी धाम में 17 अप्रैल से प्रारंभ हुई 9 दिवसीय श्री संगीतमय रामकथा का आज समापन होगा। इस अवसर पर विशेष मूर्ति प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। रामकथा का वाचन प्रसिद्ध आचार्य लालासर शास्त्री स्वामी डॉ. सच्चिदानंद महाराज द्वारा किया जा रहा है। कथा के दौरान उन्होंने भगवान श्रीराम के आदर्शों और उनके जीवन के शुद्धतम उदाहरणों का वर्णन किया। स्वामी जी ने कहा कि हमें भगवान राम जैसा चरित्रवान बनने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि राम का जीवन हम सभी के लिए आदर्श है। आज के समय में भी माता सीता और भगवान राम के रिश्ते की मिसाल दी जाती है। उन्होंने कहा कि हर पति-पत्नी के बीच राम और सीता जैसा प्रेम और विश्वास होना चाहिए। स्वामी जी ने सीता माता के अग्नि परीक्षा के उदाहरण के माध्यम से यह बताया कि धर्म के मार्ग पर चलने के लिए आत्मविश्वास और अडिग विश्वास कितना महत्वपूर्ण होता है। स्वामी ने आगे कहा कि इंसान का चरित्र ही उसकी पहचान है। यदि एक व्यक्ति अपना चरित्र खो देता है, तो उसे फिर से हासिल करना कठिन होता है। उन्होंने कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को भगवान श्रीराम की तरह संस्कारित और चरित्रवान बनाने का प्रयास करें, ताकि वे जीवन में सद्गुणों का पालन कर सकें।
श्री सत्यवादी वीर तेजाजी धाम के पुजारी रामेश्वर लाल गोदारा ने बताया कि यह रामकथा प्रतिदिन दोपहर 11:15 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित हो रही है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने के लिए पहुंच रहे हैं। कथा के समापन अवसर पर आज विशेष मूर्ति प्रतिष्ठा कार्यक्रम होगा, जिसमें तेजाजी, लीलण माता, पेमल माता, गौ माता, केरङा (बछड़ा), हिरण और बासक नाग की मूर्तियों की प्रतिष्ठा स्वामी सच्चिदानंद महाराज के करकमलों द्वारा की जाएगी।